Exam Gk Study

  • Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • Economics
  • Geography
  • Political
  • History
  • Contact Us
  • Articles

अभिलेख किसे कहते है – ABHILEKH KISE KAHATE HAIN

Author: Exam GK Study | On:15th Oct, 2022| Comments: 0

Tweet
Share
Share
Pin
Share
0 Shares

Table of Contents

  • अभिलेख क्या है – Abhilekh Kya Hai
    • अभिलेख किसे कहते है – Abhilekh Kise Kahate Hain
    • अभिलेखों को लिखने के लिए उपयोगी सामग्री –
    • भारत के अभिलेखों का वर्गीकरण – Bharat Ke Abhilekh Ka Vargikaran
    • अभिलेखों की भाषा – Abhilekh Ki Bhasha
    • अभिलेखों की प्राप्ति –
    • अभिलेखों के प्रकार – Abhilekh Ke Prakar
      • खुदवाने के आधार पर अभिलेखों के प्रकार –
      • स्वरूप के आधार पर अभिलेखों के प्रकार –
      • शिलालेख का अर्थ – Shilalekh Ka Arth
      • शिलालेख किसे कहते है – Shilalekh Kise Kahate Hain
      • गुहालेख किसे कहते है – Guhalekh Kise Kahate Hain
      • स्तम्भलेख किसे कहते है – Stambh Lekh Kise Kahate Hain
    • प्रमुख अभिलेख – Pramukh Abhilekh
    • अभिलेखों का महत्त्व – Abhilekh Ka Mahatva
    • अभिलेखों के महत्त्वपूर्ण प्रश्न – Abhilekh Ke Prashn
      • Abhilekh Ke Objective Question

आज के आर्टिकल में हम इतिहास के महत्त्वपूर्ण टाॅपिक अभिलेख (Abhilekh) के बारे में बात करने वाले है। इसके अन्तर्गत अभिलेख किसे कहते है (Abhilekh Kise Kahate Hain), अभिलेख का अर्थ (Abhilekh Ka Arth) अभिलेखों की भाषा (Abhilekh Ki Bhasha), अभिलेखों के प्रकार (Abhilekh Ke Prakar) और प्रमुख अभिलेखों के बारे में पढ़ेंगे।

अभिलेख क्या है – Abhilekh Kya Hai

  • राजाओं तथा अन्य महत्त्वपूर्ण लोगों के द्वारा अपने आदेशों को पत्थर व धातु जैसी कठोर सतह पर खुदवाये जाने वाले लेख अभिलेख होते है।
  • अभिलेख पत्थर, धातु या मिट्टी के बर्तन जैसी कठोर सतह पर राजाओं तथा अन्य महत्त्वपूर्ण लोगों के आदेश और उपलब्धियां खुदी हुई होती है। राजाओं ने अभिलेखों द्वारा अपने आदेशों को उत्कीर्ण करवाया था। अभिलेख पत्थर, धातु या मिट्टी के बर्तन पर खुदे हुए एक तरह का स्थाई प्रमाण होता है।

रीट मुख्य परीक्षा LEVEL 2 – SST विषय हेतु नीचे दिए गए लिंक में से किसी एक ग्रुप को ज्वाइन कर लेवें ..पूर्णतया निशुल्क रहेगा ।

whatsapp Group SST – 1

whatsapp Group SST – 2

whatsapp Group SST – 3

 

  • प्राचीन समय में कागज नहीं होता था, इसलिए राजा पत्थर व धातु पर अभिलेख लिखवाकर अपने इतिहास को स्थायीत्व प्रदान करते थे। ताकि आगे भी इन्हें देखा व पढ़ा जा सके।
  • अभिलेखों से ही हमें प्राचीन भारतीय इतिहास की जानकारी प्राप्त होती है तथा उस समय के राजाओं की तिथि व कार्यों का वर्णन मिलता है। अभिलेखों से तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक तथा सामाजिक जीवन की जानकारी मिलती है।
  • अभिलेखों में राजाओं और महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के क्रियाकलाप, उनकी उपलब्धियाँ व विजय, राज-प्रशासन, धर्म आदि की जानकारी मिलती है। पुरातात्विक स्रोतों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण अभिलेख है। ये अभिलेख पाषाण स्तंभों, ताम्रपत्रों, दीवारों, मुद्राओं एवं प्रतिमाओं पर खुदे हुए मिले हैं।

अभिलेख किसे कहते है – Abhilekh Kise Kahate Hain

अभिलेख किसे कहते है

किसी भी कठोर सतह पर जैसे पत्थर या धातु पर उत्कीर्ण लेख को अभिलेख (Abhilekh) कहते है। अभिलेखों का अध्ययन ‘Epigraphy’ (एपिग्राफी) कहलाता है।

अभिलेखों को लिखने के लिए उपयोगी सामग्री –

अभिलेखों में पत्थर, धातु, मिट्टी की तख्ती, ईंट, काष्ठ आदि का उपयोग किया जाता है। अभिलेखों पर अक्षरों की खुदाई के लिए छेनी, नुकीली किले, हथौङा, लौहशलाका जैसी नुकीली वस्तु का उपयोग किया जता था।

भारत के अभिलेखों का वर्गीकरण – Bharat Ke Abhilekh Ka Vargikaran

  • मौर्यपूर्व
  • मौर्य
  • शुंग
  • भारत-बाख्न्ती
  • शक
  • कुषाण
  • आंध्र-शातवाहन
  • गुप्त
  • मध्यकालीन
  • आधुनिक।

अभिलेखों की भाषा – Abhilekh Ki Bhasha

भारत में सबसे प्राचीन लिखित अभिलेख मौर्य सम्राट अशोक के हैं। अशोक के अभिलेख प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं तथा इनकी लिपि ब्राह्मी व खरोष्ठी है। अशोक के अधिकतर शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है। ब्राह्मी लिपि बाएं से दाएं ओर लिखी जाती थी। पूर्वी भारत में अभिलेख ’ ब्राह्मी लिपि’ में लिखे गए हैं।

उत्तर-पश्चिम भारत में मिले कुछ अभिलेख खरोष्ठी लिपि में है। ’खरोष्ठी लिपि’ में दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती है।  पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं यूनान में अभिलेखों में ’आरमाइक लिपि’ का प्रयोग होता था।

अभिलेखों की प्राप्ति –

  • विश्व का सबसे प्राचीन अभिलेख सुमेरिया का अक्काट वंशीय शासक द्वारा खुदवाया गया अभिलेख है। इसका काल 2370 ई.पू. का है।
  • सबसे प्राचीन अभिलेखों में मध्य एशिया के बोगजकोई से प्राप्त अभिलेख है। इसमें वैदिक देवता मित्र, वरुण, इंद्र और नासत्य आदि के नाम मिलते हैं। ये लगभग 1400 ई. पू. के हैं तथा इनसे ऋग्वेद की तिथि ज्ञात करने में सहायता मिलती है।
  • भारत में प्राप्त सबसे प्राचीन अभिलेख हङप्पा संस्कृति की मुहरों पर अंकित है। ये लगभग 2500 ई.पू. के हैं परंतु इनका पढ़ना (अपठित) अभी संभव नहीं हुआ है।
  • भारत में सर्वप्रथम अशोक ने पठित अभिलेख लिखवाये थे।  अशोक को अभिलेख लिखने की प्रेरणा ईरानी राजा डोरीयस-1 से मिली थी। अशोक के अभी तक 40 अभिलेख प्राप्त हुए है। प्राचीन भारत में अभिलेख की शुरुआत अशोक ने की थी

अभिलेखों के प्रकार – Abhilekh Ke Prakar

खुदवाने के आधार पर अभिलेखों के प्रकार –

1. निजी अभिलेख
2. सरकारी अभिलेख

1. निजी अभिलेख – ऐसे अभिलेख जिन्हें व्यक्तिगत स्तर पर खुदवाया गया है। सबसे प्राचीन निजी अभिलेख बेसनगर (विदिशा) का है। यह अभिलेख एंटीयालकिट्स के राजदूत हेलियोडोरस द्वारा खुदवाया गया है जो राजा भागभद्र के दरबार में आया था। यह वैष्णव धर्म का सबसे प्राचीन अभिलेख भी है।

2. सरकारी अभिलेख – ऐसे अभिलेख जो शासक द्वारा जनसामान्य को सूचना देने के लिए स्थापित किए जाते थे। ऐसे अभिलेख पवित्र-स्थानों, चैराहों अथवा अन्य भीङ-भाङ वाले स्थानों पर लगाए जाते थे।

स्वरूप के आधार पर अभिलेखों के प्रकार –

  • शिलालेख
  • स्तम्भलेख
  • गुहालेख

शिलालेख का अर्थ – Shilalekh Ka Arth

शिलालेख किसे कहते है – Shilalekh Kise Kahate Hain

शिलालेख – शिलालेख का अर्थ होता है पत्थर पर लिखा हुआ। किसी चट्टान या पत्थर पर खोदी गई लिखित रचना को शिलालेख कहते हैं। शीला का अर्थ होता है पत्थर या चट्टान और लेख का अर्थ होता है लिखावट। यह दोनों शब्द जोङकर शिलालेख बनता है।

दूसरे शब्दों में गुफाओं की दीवारों पर या पत्थरों पर जब खुदाई कर लिखा जाता है तो इसे शिलालेख कहते हैं। अशोक के द्वारा कुल 14 शिलालेख बनाए गए। अशोक को इसके लिए प्रेरणा ईरानी शासक डोरीयस-1 से मिली थी।

गुहालेख किसे कहते है – Guhalekh Kise Kahate Hain

गुहालेख – गुफा के मुख्य द्वार के अगले हिस्से को सपाट करवाकर अभिलेख लिखे गए इन्हें गुहालेख कहते हैं।
इन गुफाओं का निर्माण आजीवक संतों के निवास के लिए अशोक व उसके पोते दशरथ के द्वारा कराया गया। गुहालेख की संख्या 7 है। अशोक के द्वारा 3 गुहालेख बनाये गये। अशोक के पोते दशरथ के द्वारा 4 गुहालेख बनाए गए।

स्तम्भलेख किसे कहते है – Stambh Lekh Kise Kahate Hain

स्तम्भलेख – सपाट स्तम्भ के ऊपर गोलाकार चौकी होती है और इस चौकी के नीचे अधोममुखी कमल होता है ऊपर वाले हिस्से पर किसी पशु मूर्ति का अंकन मिलता है।
सपाट हिस्से पर कुछ लाइनें उत्कीर्ण करा दी गई जिन्हें स्तम्भलेख कहते हैं। ये स्तम्भ चीनार (उत्तरप्रदेश) के पीले पत्थरों से निर्मित है।

प्रमुख अभिलेख – Pramukh Abhilekh

प्रमुख अभिलेख और उनसे संबंधित शासक –

अभिलेख शासक
हाथीगुम्फा अभिलेख कलिंग राजा खारवेल
जूनागढ़ (गिरिनार) अभिलेख शक क्षत्रप रुद्रदामन
नासिक गुहालेख सातवाहन नरेश पुलुमावी
प्रयाग स्तंभ लेख गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त
मंदसौर अभिलेख मालव नरेश यशोवर्धन
एहोल अभिलेख चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय
देवपाङा अभिलेख विजयसेन
ग्वालियर अभिलेख मिहिर भोज
भीतरी स्तम्भ लेख स्कंदगुप्त
एरण अभिलेख भानुगुप्त
गुर्जरा, मस्की अभिलेख अशोक
महास्थान अभिलेख चन्द्रगुप्त मौर्य
मथुरा, उदयगिरि, मेहरौली प्रशस्ति चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य
अयोध्या अभिलेख पुष्यमित्र शुंग

अभिलेखों का महत्त्व – Abhilekh Ka Mahatva

  1. अभिलेखों के द्वारा तत्कालीन भारत की राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक स्थितियों के बारे में जानकारी मिलती है।
  2. अभिलेखों से तत्कालीन राजाओं के चरित्र, व्यक्तित्व व उनकी व्यक्तिगत रुचियों पर प्रकाश पङता है।
  3. इन अभिलेखों से तात्कालीन राज्यों की सीमा निर्धारण में मदद मिलती है।
  4. इन अभिलेखों से राजवंशावली की जानकारी भी प्राप्त होती है। जिससे इतिहास का कालक्रम निर्धारण में सहायता प्राप्त होती है।
  5. राज्य शासन व्यवस्था की जानकारी, पदों व कर की जानकारी मिलती है।
  6. अभिलेखों से मूर्तिकला और वास्तुकला के विकास पर विस्तृत प्रकाश पङता है, और तत्कालीन धार्मिक स्थिति की जानकारी मिलती है।
  7. अभिलेखों से भाषाओं के ज्ञान पर भी प्रकाश पङता है, उदाहरण के लिए गुप्तकाल से पहले के अधिकतर अभिलेख प्राकृत भाषा में मिलते है। गुप्त और गुप्तोत्तर काल के अधिकतर अभिलेख संस्कृत भाषा में है।
  8. दक्षिण भारत के पल्लव, चालुक्य, राष्ट्रकूट, पांड्य और चोल वंशों का इतिहास लेखन में इन शासकों के अभिलेख बहुत उपयोगी सिद्ध हुए। भारतीय समाज का विदेशों से सम्बन्ध के बारे में पता चलता है।

अभिलेखों के महत्त्वपूर्ण प्रश्न – Abhilekh Ke Prashn


प्र. 1 अभिलेखों का अध्ययन क्या कहलाता है ?

(अ) Epgrphy
(ब) Epigraphy✔️
(स) Archives
(द) Inscription


प्र. 2 अभिलेखों को लिखने के लिए किसका प्रयोग नहीं किया जाता था ?

(अ) पत्थर
(ब) धातु
(स) कागज✔️
(द) काष्ठ


प्र. 3 भारत में सबसे प्राचीन लिखित अभिलेख किसके हैं?

(अ) समुद्रगुप्त
(ब) चन्द्रगुप्त मौर्य
(स) अशोक✔️
(द) रुद्रदामन


प्र. 4 इनमें से कौनसी लिपि अशोक के शिलालेखों में प्रयुक्त नहीं हुई है ?

(अ) खरोष्ठी लिपि
(ब) नागरी लिपि✔️
(स) ब्राह्मी लिपि
(द) आरमाइक लिपि


प्र. 5 ’मेहरौली प्रशस्ति’ किसके द्वारा रचित है ?

(अ) चन्द्रगुप्त प्रथम
(ब) समुद्रगुप्त
(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य✔️
(द) स्कन्दगुप्त


प्र. 6 सबसे प्राचीन अभिलेख कहाँ से मिले ?

(अ) मध्य एशिया के बोगजकोई से✔️
(ब) मिस्र से
(स) यूनान से
(द) इटली से


प्र. 7 प्राचीन भारत में अभिलेख की शुरुआत किस शासक ने की थी ?

(अ) पुष्यमित्र शुंग
(ब) समुद्रगुप्त
(स) अशोक✔️
(द) रुद्रदामन

Abhilekh Ke Objective Question


प्र. 8 अशोक अब तक कितने अभिलेख प्राप्त हुए है ?

(अ) 20
(ब) 30
(स) 40✔️
(द) 50

 

प्र. 9 ’हाथीगुम्फा अभिलेख’ किसका है ?

(अ) खारवेल का✔️
(ब) पुष्यमित्र शुंग का
(स) देवसेन का
(द) रुद्रदामन का


प्र. 10 ’प्रयाग प्रशस्ति’ किसके द्वारा रचित है ?

(अ) चन्द्रगुप्त मौर्य
(ब) समुद्रगुप्त✔️
(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(द) अशोक


प्र.11 बेसनगर का अभिलेख सम्बन्धित है ?

(अ) वैष्णव सम्प्रदाय✔️
(ब) शैव सम्प्रदाय
(स) जैन सम्प्रदाय
(द) बौद्ध सम्प्रदाय


प्र. 12 ’जूनागढ़ अभिलेख’ किसका है ?

(अ) रुद्रदामन का✔️
(ब) पुष्यगुप्त
(स) यशोधर्मन
(द) अशोक


प्र. 13 ’एरण अभिलेख’ किसका है ?

(अ) चन्द्रगुप्त द्वितीय
(ब) भानुगुप्त✔️
(स) खारवेल
(द) देवसेन


प्र. 14 ’गुर्जरा अभिलेख’ किसका है ?

(अ) खारवेल
(ब) अशोक✔️
(स) स्कन्दगुप्त
(द) कुमारगुप्त


प्र. 15 ’एहोल प्रशस्ति’ किसके द्वारा रचित है ?

(अ) पुलकेशिन द्वितीय✔️
(ब) चन्द्रगुप्त मौर्य
(स) विजयसेन
(द) स्कन्दगुप्त


READ THIS⇓⇓

अर्थव्यवस्था क्या होती है

भारत की सबसे बङी झील कौन-सी है

भूगोल किसे कहते है : परिभाषा, अर्थ, शाखाएं

बेरोजगारी क्या है

चार्टर एक्ट 1833 की पूरी जानकारी

 संविधान का अर्थ ,परिभाषा एवं विशेषताएँ

Share this:

  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Reddit (Opens in new window)
  • Click to share on Tumblr (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)
  • Click to share on Pocket (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Skype (Opens in new window)
  • Click to email a link to a friend (Opens in new window)
Tweet
Share
Share
Pin
Share
0 Shares

Reader Interactions

Related Articles

  • बहुदलीय व्यवस्था क्या है – Bahudaliya Vyavastha Kya Hai

    बहुदलीय व्यवस्था क्या है – Bahudaliya Vyavastha Kya Hai

  • Alauddin Khilji – अलाउद्दीन खिलजी की पूरी जानकारी पढ़ें

    Alauddin Khilji – अलाउद्दीन खिलजी की पूरी जानकारी पढ़ें

  • खनिज किसे कहते हैं – Khanij Kise Kahate Hain

    खनिज किसे कहते हैं – Khanij Kise Kahate Hain

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

ट्विटर के नए सीईओ

Rajasthan Patwari Answer Key 2021

Search Article

Latest Articles

  • जहाँगीर का जीवन परिचय – Jahangir Biography in Hindi
  • बुशमैन जनजाति – Bushmen Tribe in Hindi
  • पृथ्वीराज चौहान – Prithviraj Chauhan History in Hindi
  • समुद्रगुप्त – Samudragupta | जीवन परिचय | साम्राज्य विस्तार
  • केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान – Keoladeo National Park in Hindi
  • बाबर का जीवन परिचय – Babar History in Hindi
  • Guru Gobind Singh Ji – गुरु गोविंद सिंह
  • Guru Tegh Bahadur – गुरु तेग बहादुर की पूरी जानकारी पढ़ें
  • Bhagat Singh – भगत सिंह के बारे में पूरी जानकारी पढ़ें
  • Chandra Shekhar Azad – चंद्रशेखर आजाद की पूरी जानकारी पढ़ें

Study Material

  • Ancient History
  • Biography in Hindi
  • Economics
  • Education
  • geography
  • History
  • Political
  • Rajasthan gk
  • World Geography
  • World History

Footer

इतिहास

 गोपाल कृष्ण गोखले
 महावीर स्वामी
 16 महाजनपद
 सत्यशोधक समाज
 ताज महल
 क़ुतुब मीनार
 चार्टर एक्ट 1833
 अभिलेख
 सरोजिनी नायडू
 कोठारी कमीशन

लोकप्रिय आर्टिकल

 महात्मा गांधी
 भगत सिंह
 क़ुतुब मीनार
 सरोजिनी नायडू
 गोपाल कृष्ण गोखले
 गरीबी क्या है ?
 नर्मदा बचाओ आंदोलन
 कोठारी कमीशन
 16 महाजनपद
 भूगोल क्या है ?

जीवन परिचय

 बाबर का जीवन परिचय
 गुरु गोविंद सिंह
 गुरु तेग बहादुर
 भगत सिंह
 चंद्रशेखर आजाद
 अलाउद्दीन खिलजी
 औरंगजेब
 गौतम बुद्ध
 स्वामी विवेकानंद
 महात्मा गांधी
Copyright ©2022 Exam Gk Study